जिस आँगन में अब तक खेला
उसे छोड़ना आसान नहीं ,
ये घर तुम्हारा भी है
तुम इसकी मेहमान नहीं ।
तेरे आने से ये घर
जन्नत सा हसीन हुआ ,
तेरे मासूम चेहरे को देख
खुद खुदा पर यकीन हुआ ।
तेरी कोमल हथेलियों को
जब-जब है थामा मैंने,
ये ज़िन्दगी बड़ी आसान है
तब-तब है माना मैंने ।
पूरे दिन का तनाव
देख तुझे दूर होता ,
लगा तुझे अपने सीने से
मैं खुशियों में चूर होता ।
देखते ही देखते
तुम इतनी बड़ी हो गयी ,
कि मुझसे दूर जाने की
अब तुम्हारी घड़ी हो गयी ।
आँखे मेरी नम है
पर चेहरे पर मुस्कान है ,
मेरे दिल के तूफानों से
सब पूरी तरह अनजान है ।
कुछ दिनों में मेरी परी
दूर मुझसे हो जाएगी ,
पर ख़ुशी है मुझे क्योंकि
वो खुशियों में खो जाएगी ।
मेरी इज़्ज़त , मेरा सम्मान
मेरी दुनिया तुमसे है ,
मेरी जान से प्यारी गुड़िया
मेरी खुशियाँ तुमसे है ।
दुआ है मेरी , दामन तुम्हारा
खुशियों से भर जाए ,
जितना यहाँ तुझे प्यार मिला
उससे कहीं ज्यादा तू पाए ।
यदि कभी भूले से मैंने
दिल तेरा दुखाया हो ,
माफ़ मुझे कर देना तू
यदि कभी रुलाया हो ।
माँगता हूँ ईश्वर से
हमेशा तू मुस्कराती रहे ,
अपने साथ औरों को
हमेशा तू हँसाती रहे ।
निशांत चौबे ‘ अज्ञानी ‘
०२.१२.१२