तेरे आँचल की ठंडी छाँव में ,
स्वर्ग मेरा है माँ तेरे पाँव में ।
तेरी खुशियाँ ही मुझको प्यारी है .
एक तू ही तो माँ हमारी है ।
तेरे अधरों के मुस्कराहट पर ,
झूम उठूँ माँ तेरे आहट पर ।
सब कुछ पाया माँ तुझको ही पाकर,
भाग जागे है गोदी में आकर ।
तेरे ममता के मीठे प्याले से ,
तृप्ति मिलती माँ एक निवाले से ।
तेरे बातों से झरते मोती है ,
मेरे यादों में तू बस होती है ।
तू यशोदा माँ मैं कन्हैया हूँ ,
गीत तू मेरी मैं गवैया हूँ ।
इस दुनिया में माँ मुझको तू लायी ,
देख कर मुझको तू मुस्काई ।
आज तेरा माँ जन्मदिन है ,
कितना प्यारा ये शुभदिन है ।
आज धरती पर तू आई थी ,
साथ अपने माँ खुशियाँ लायी थी ।
यूँही हमेशा माँ मुस्कराती रहो ,
प्यार से दुनिया यूँ सजाती रहो ।
निशांत चौबे ‘ अज्ञानी’
२५.०३.२०१४